अगर कोई न पूछे ,तो समझो गज़ब है
हर शख्स की ज़ुबान पर बस एक ही सवाल
Excuse me,
आपका कौन सा मजहब है ?
आज इंसानियत अपनी जगह पर मौन है ,
और भीड़ में सबको तलाश रहती है
कि यहां अपने धर्म का कौन है ?
यूँ तो इंसान अपने अनुसार बड़ा आधुनिक है
पर सभी धर्मों में एकता हो ,ये सोच शायद काल्पनिक है ।
हर धर्म मे उस भगवान का भी बंटवारा है
हिन्दुओ के मंदिर, मुसलमानों के मस्जिद
और सिखों का गुरुद्वारा है ।
पर समाज के लोग ये, बात समझते नही है
भगवान तो एक ही है ,वो कभी बंटते नही है …..