गंगा

आज भारत पूरे विश्व मे विख्यात है
क्योंकि इसमें प्राकर्तिक सौंदर्य व्याप्त है
इसकी बहुमूल्य संस्कृति हो या परोपकारी प्रकृति हो
दिखाती है भारत की अनोखी आकृति जो
इसमे पर्वत ,नदियां ,सागर और वनस्पति है
और यही भारत की अनमोल सम्पति है
पर नदियां सिर्फ परोपकारी बन कर रह गयी है
ऐसी खराब हालत है कि बेचारी बन कर रह गयी है
हमारे लिए वैसे तो हर नदी पूजनीय है
पर गंगा की स्थिति की कितनी दयनीय है
गंगा सबसे पवित्र नदियो में से एक है
देवनदी,मंदाकिनी और भागिरीथी नाम इसके अनेक है
वो सिर्फ एक नदी नही है,उसमे मां का प्यार है
उसका जल हर घर मे आस्था का आधार है
पर गंगा नदी अपना अस्तित्व खोती जा रही है
और सिर्फ सतही स्तर पर इसकी सफाई होती जा रही है
और सफाई तो हर साल होती है
राजनीति करने वालो की ये चाल होती है
और उनका यह हस्र किसी त्रासदी से कम नही है
मां के रूप में पूजते है गंगा को,अगर वो नही तो हम नही है ।

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